Benefits of Panna Stone : पन्ना रत्न के गुण, लाभ और ज्योतिष जानकारी

पन्ना रत्न बुद्ध गृह से सम्बंधित होता है। ऐसा जातक जिसकी जन्मकुंडली में बुद्ध देवता शुभ किन्तु कमजोर होकर पड़े हों, पन्ना (Benefits of Panna Stone) धारण कर सकता है। हालाँकि बुद्ध की अपनी कोई धातु नहीं होती है इसलिए पन्ना (Panna – Emerald) रत्न को चांदी धातु में पहना जाता है। ऐसा करने का मुख्या कारण है की चन्द्रमा को माँ व् बुद्ध को माँ के गर्भ में पड़ा पुत्र मानते हैं, जहाँ बच्चा सबसे अधिक सुरक्षित होता है।

कुछ ज्योतिषी (Astrologer) ऐसा भी मानते हैं की यदि बुद्ध, वृहस्पति अथवा सूर्य या मंगल के नक्षत्र में हो और सूर्य मंगल या वृहस्पति शुभ फलकारक हों तो सोने में भी धारण किया जा सकता है। मुख्यतः पन्ना पांच रंगों में पाया जाता है, तोते के पंख का रंग, पानी का रंग, सरेस के फूल का रंग, मोर के पंख जैसा और हल्का संदुल फूल जैसा रंग।

इसका मूल्य व् गुणवत्ता रंग, रूप, चमक, वजन, पारदर्शिता के आधार पर निर्धारित की जाती है। भिन्न-भिन्न लग्न कुंडलियों के उचित विश्लेशण के पश्चात् शुभ-अशुभ बुद्ध का निर्णय किया जाता है, बुद्ध की स्थिती का विश्लेषण किया जाता है जिसके बाद ही पन्ना धारण करने या न करने की सलाह दी जाती है।

कौन कर सकता है पन्ना धारण – Panna Ratna – Emerald Gemstone

मेष लग्न – Aries

मेष लग्न की कुंडली में बुद्ध तृतीयेश व् षष्ठेश होने से मारक गृह बनता है। इस वजह से किसी भी सूरत में धारण नहीं किया जाता है।

वृष लग्न – Taurus

वृष लग्न में द्वितीयेश व् पंचमेश होने से कारक गृह बनता है। शुभ स्थित हो तो पहना जा सकता है।

मिथुन लग्न – Gemini

लग्नेश होने से कारक हो जाता है। शुभ स्थित हो तो पहना जा सकता है।

कर्क लग्न – Panna for Cancer Lagna

तृतीयेश व् द्वादशेश होने से मारक होता है। किसी भी सूरत में धारण न करें।

सिंह लग्न – Panna for Leo Lagna

द्वितीयेश व् एकादशेश होने से मारक होता है। किसी भी सूरत में धारण न करें।

कन्या लग्न – Virgo

लग्नेश होने से कारक हो जाता है। शुभ स्थित हो तो पहना जा सकता है।

तुला लग्न – Panna for Libra

नवमेश व् द्वादशेश होने से कारक होता है। शुभ स्थित हो तो पहना जा सकता है।

वृश्चिक लग्न – Scorpio

अष्टमेश व् एकादशेश होता है। अतः मारक बनता है। किसी भी सूरत में धारण (Benefits of Panna Stone) न करें।

धनु लग्न – Sagittarius

धनु लग्न में बुद्ध सप्तमेश व् दशमेश होता है। अतः सम गृह बनता है। गृह युति व् स्थिति देखकर धारण किया जा सकता है।

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मकर लग्न – Panna for Capricorn Lagna

षष्ठेश व् नवमेश होने से कारक बनता है। शुभ स्थित हो तो पहना जा सकता है।

कुम्भ लग्न – Aquarius

पंचमेश व् अष्टमेश होने से कारक गृह बनता है। शुभ स्थित हो तो पहना जा सकता है।

मीन लग्न – Panna for Pisces Pagna

चतुर्थेश व् सप्तमेश होने से सम गृह बनता है। गृह युति व् स्थिति देखकर धारण किया जा सकता है।

पन्ना धारण करने के लाभ – Benefits of Panna Stone

  • पारिवारिक परेशानियों में राहत मिलना।
  • बुद्धि तीक्ष्ण होती है।
  • अपनी बात ठीक प्रकार से रखने में सहायक होता है। अतः जनता से संबंधित कार्यों में सफलता दिलाने में सहायक है।
  • माता का स्वास्थ्य ठीक रहेगा।
  • राज्य, व्यापार, पिता, नौकरी, शासकीय कार्यों में लाभ मिलता है।
  • रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।

पन्ने की पहचान – How To Find Genuine Emerald Stone

पन्ने में काले रंग के हलके रेशे होते है। पारदर्शी और बिना काले रेशे का पन्ना (Panna) बहुत महंगा हो सकता है। मुख्यतः पन्ना पांच रंगों में पाया जाता है, तोते के पंख का रंग, पानी का रंग, सरेस के फूल का रंग, मोर के पंख जैसा और हल्का संदुल फूल जैसा रंग। इसका मूल्य व् गुणवत्ता रंग, रूप, चमक, वजन, पारदर्शिता के आधार पर निर्धारित की जाती है। इसलिए पन्ने की जाच किसी योग्य जानकार से अवश्य करवाएं।

कैसे धारण करें पन्ना – Panna kaise dharan kare/pehne

चढ़ते पक्ष के मंगलवार को दूध, गंगाजल या गौमूत्र में धोने के पश्चात् सोने या ताम्बा धातु में रिंग फिंगर में धारण करें। इसे बुधवार के दिन अश्लेषा, ज्येष्ठा या रेवती, नक्षत्र में पहन सकते हैं। जातक को पन्ना अपने वजन के अनुसार सवा रत्ती बढाकर पहनना चाहिए। जैसे: यदि जातक का वजन ६० किलो ग्राम है तो सवा सात रत्ती, यदि जातक का वजन ७० किलो ग्राम है सवा आठ रत्ती पन्ना धारण करें।

ध्यान देने योग्य है की किसी भी रत्न (Ratna) को धारण करने से पूर्व अपनी जन्मपत्री किसी विद्वान ज्योतिषी को आवश्य दिखाएँ। बिना उचित विश्लेषण के धारण किया गया कोई भी रत्न आपकी परेशानी को और बढ़ा सकता है। जातक के शरीर में ऐसी बीमारियां हो जाती हैं जिनको चिकित्सक भी ठीक करने में सक्षम नहीं होते। आपका दिन मंगलमय हो।

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